Sunday, August 14, 2011

muses on goa trip, august 2011

समुंदर किनारे, हम तीन, बीते समय में अपने आप को ढूंढ रहे है,
कितना पीछे छोड़ आये है, जिसे याद रखना भी मुश्किल है
कई सपनें कई उम्मीदें कई हसींन लम्हों से परे, हम दोस्त,
आज लहरों जैसे अपने खोये जूनून, अपने आप को तलाश रहे है!

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