यूं तो गम है हज़ारों दुनिया में
बस एक ही गम है जो उधार लिया है
ब्याज तो हम चुका ही रहे हैं
असल तब से वैसा ही खडा है
समय तो फिर भी थमता नहीं है
कहते है की यह बलवान बड़ा है
इसी उम्मीद में जी रहे है
की उस पार इक नया सवेरा
इंतज़ार में खडा है
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