Saturday, August 20, 2011

इन टपकती बूंदों से पूछो, की आज बरसने का राज़ क्या है
गीले करे जो मन को ऐसी आज बात क्या है
किसी दीवाने ने शायद प्यार का इज़हार किया होगा
इन बूंदों के कुबूल करने का शायराना अंदाज़ यही होगा

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