तुम सोचते हो की वो तुम्हें नहीं समझते, वो सोचते है की तुम
ऐसे ही दिन बीत जाते है, सवाल फिर भी अनकहा रह जाता है
चाहे न चाहो तुम.
समय तो आगे बढता ही जाता है, भीड़ में खो जाते हैं फिर हम तुम
जो बोली नहीं वोह यादें बन जाती है, सोच कर जिनको कभी मुस्कुरा
कभी रो दोगे तुम......
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